हिमालय की कंदराओं में तपस्या कर रहे महामुनि गौमुखनाथ की तपस्या भंग हो गयी एक विचित्र बुद्धिहीन प्राणी के कारण। कहीं वह प्राणी भूचाल किसी मुसीबत में न पड़ जाये ये सोच महामुनि ने दे दी उसको बुद्धि। बुद्धि मिलने के पश्चात भूचाल जो अपने ग्रह की तबाही के बाद पृथ्वी पर आ पहुंचा था उसने मचा दी पृथ्वी पर तबाही। भूचाल के जादू के प्रभाव में आकर आपस में ही लड़ने लगे पृथ्वी वासी। भूचाल ने वसुंधरा राज्य की राजकुमारी चित्रलेखा पर मोहित हो कर लिया उसका अपहरण और राजकुमारी को उस दुष्ट से बचाने के लिए निकला उसका रक्षक प्रकाल। और फिर..............?
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