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Monday, January 10, 2011

तिलिस्मदेव और साक्षात मौत

अज्ञातपुर के राजा विज्ञातपूरी ने आयोजित की महायोद्धा के चुनाव के लिए प्रतियोगिता जिसमे ले रहे थे कई राज्यों के महायोद्धा इसी प्रतियोगिता में भाग ले रहा था महर्षि श्री कृष्णामाचारी का शिष्य एक नन्हा बालक पुखराज जिसने एक-एक कर सभी महायोद्धाओं को परास्त कर प्राप्त किया महायोद्धा का ख़िताब। परन्तु तभी प्रतियोगिता के बीच में आ पहुंचा महाकंकाल जो था लाखों साल पहले के जीव डायनोसोर का कंकाल। उस महाकंकाल ने आकर मचा दी तबाही। पुखराज उसको रोकने आया परन्तु उसको  भी अपने वश में कर लिया उस शैतान शक्ति ने। तब महर्षि श्री कृष्णामाचारी ने पुकारा मदद के लिए तिलिस्मदेव को। और फिर...............?

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