अम्बिकापुरी जहाँ की प्रजा पर टूट पड़ा मुसीबतों का पहाड़। आये दिन होते रहते थे वहां लुटेरों के हमले उन लुटेरों की मदद करता था एक जिन्न जो लुटेरों को रोकने आये सैनिकों को ख़त्म कर देता। अम्बिकापुरी पर ही फैला था एक खूंखार मानवभक्षी राक्षस का आतंक जो अम्बिकापुरी के निवासियों को मार कर खा जाता और अम्बिकापुरी की किनारे बहती नदी जिस पर बाढ़ आने पर पूरा राज्य तहस-नहस हो जाता। इन सब मुसीबतों से परेशान वृद्ध राजा चतुर्भुज की थी एक और परेशानी की उसका बेटा राजकुमार पवन था बेहद आलसी और कामचोर तब राजा चतुर्भुज ने दिया अपने बेटे को आदेश इन सब मुसीबतों से छुटकारा दिलवाने का। और फिर........?
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