लाला पकोड़ीमल जिनकी मशहूर थी हलवाई की दूकान लेकिन लाला पकोड़ीमल थे अव्वल दर्जे के कंजूस। इतने कंजूस की मिठाइयों पर बैठी मक्खी भी इनको नहीं भाती। इनकी कंजूसी के चलते इनकी पत्नी पार्वती भी रहती परेशान जो पैसा वो बचा-बचा कर इकठ्ठा करती कंजूस सेठ उनको भी चालाकी से हथिया लेता। इतनी धन-दौलत इकट्ठी कर उनको सताने लगा चोर का डर और वो अपनी दौलत छुपाने के चक्कर में पड़ गए और उनके धन पर नज़र पड़ गयी एक ठग की। और फिर........?
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