आम्रपुष्प का राजा नागराजन जिसके पास थी एक विनाशकारी तलवार जिसकी वजह से कोई उसको युद्ध में नहीं हरा पाता था। राजा शूलबाहू ने जादूगर चामुंडा की मदद से वह तलवार चुरा कर कर लिया आम्रपुष्प पर कब्ज़ा। राजा नागराजन बचकर भाग निकला और जा पहुंचा मदद के लिए महर्षि अग्निदेव की कुटिया पर जहाँ महर्षि अग्निदेव लगे थे अग्निपुत्र की प्राप्ति के लिए कठोर यज्ञ करने में। तब राजा नागराजन को करना पड़ा यज्ञ खत्म होने का इंतज़ार। इधर आम्रपुष्प पर कब्ज़ा कर शूलबाहू और जादूगर चामुंडा करने लगे प्रजा पर अत्याचार। और फिर.......?
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