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Saturday, May 29, 2010

लटकती लाशें

राजा विक्रमराज जिसको एक अपराधी को अपने ही भाई की हत्या के जुर्म में फांसी की सज़ा देनी पड़ी। उस फांसी के बाद राजा विक्रमराज पर फितूर सवार हो गया और हर अपराधी को चाहे उसका जुर्म मामूली सा ही क्यों न हो राजा के आदेश पर फांसी की सज़ा दे दी जाती। इस तरह नगर के चौराहे पर बने एक वृक्ष पर फांसी की सज़ा दिए गए मुजरिमों की लाशे लटकने लगी। और फिर एक दिन एक रहस्यमय साया उन लटकती लाशों का खून अपनी गुलाम आत्माओं को पिलाने लगा। और फिर..........?

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