शीशे का अण्डा
काशीपुर राज्य जहाँ रहते थे एक भोजनालय में काम करने वाले तीन अनाथ भाई रघुवीर, सतवीर और कर्मवीर। तीनो का मालिक उनको हमेशा डांटता रहता इस वजह से वह हमेशा दुखी रहते। उस राज्य का राजा नीलकांत था बहुत अत्याचारी उसको था डर अपनी मौत का उस रानी प्रभावती के पुत्रों से जिसके राज्य पर बरसों पहले नीलकांत ने कर लिया कब्ज़ा। अपनी मौत से बचने के लिए नीलकांत जा पहुंचा अपने मित्र जादूगर पातालमेघ के पास जिसने उसे बताया कि त्रिमुख पर्वत में रखे एक शीशे के अण्डे में रखे विचित्र पाषाण को प्राप्त करने से कोई भी उसको मार नहीं पायेगा। नीलकांत ने पाषाण पाने के लिए राज्य में पिटवाया ढिंढोरा और तीनो भाई चल पड़े विचित्र पाषाण को प्राप्त करने। और फिर..........?
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