विशालगढ में मौज से रहते हुए बांकेलाल को सूझ गई एक नई शैतानी और उसके मन में ख्याल आया विशालगढ का राजा बनने का इसके लिए उसने चल दी अपनी चल। विक्रमसिंह द्वारा चन्दनगढ़ के राजा चन्दनसिंह की पुत्री राजकुमारी कुरुपलता के साथ विवाह का प्रस्ताव ठुकराने के बावजूद बांकेलाल ने उन्हें शादी के लिए हाँ कह दी और इधर राजा विक्रमसिंह को मना लिया कौशल नरेश की पुत्री राजकुमारी पुष्पलता से विवाह के लिए। अब दो-दो जगह शादी के इस षड़यंत्र में बांकेलाल ने फंसा दिया विक्रम सिंह को। और फिर..................................?
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