जासूस टोपीचंद अपने साथियों काबुलीवाला और रोबोडॉग पिंटू के साथ जा पहुंचा कश्मीर छुट्टी मनाने वहां पर उनसे मदद मांगने आ पहुंचे लद्दाख सीमा पर तैनात मिलिट्री सेना। जिनको चाहिए थी मदद लद्दाख में घूम रहे अज्ञात अन्तरिक्ष विमानों और सरोवर में आतंक फैला रहे जलदैत्य को रोकने के लिए। उस जलदैत्य के सामने जो भी आता वह हिल-डुल भी नहीं पाता और बन जाता पत्थर की मूर्ती। इस मुसीबत से निपटने का बीड़ा उठाया जासूस टोपीचंद ने। और फिर..........?
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