रायबहादुर बलदेव राय जिसके बेटे राज के साथ होने वाली थी बैरिस्टर विश्वनाथ की बहन की शादी परन्तु राज था अव्वल दर्जे का बिगडैल लड़का उसको सबक सिखाने के लिए उसके पिता बलदेव राय ने रचा एक नाटक एक नकली हत्या का परन्तु उस नाटक की नकली लाश की जगह अचानक आ गयी असली लाश जिसके खून का इलज़ाम लगा राज पर। अब उसको बेगुनाह साबित करने का ज़िम्मा उठाया बैरिस्टर विश्वनाथ ने। और फिर...........?
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