टॉम और गोगा दो नामी चोर समुद्री तूफान में फंसकर जा पहुंचे इच्छाधारी सांपो के नागमणि द्वीप पर और वहां से ले उड़े देवी की मूर्ति में लगी मणि। उस मणि को वापिस लाने चल दिया नागमणि द्वीप का राजकुमार विषप्रिय। इधर मुंबई में एक ढोंगी महात्मा शंकर शहंशाह ने नागराज को पकड़ने के लिए की रखा एक इच्छाधारी सांप का शो जिसमे विषप्रिय ने अपनी चमत्कारी बीन की ज़रिये नागराज के शरीर से उसके सारे सांप निकाल लिए और नागराज को कर दिया शक्तिविहीन और कर लिया नागराज को कैद। और फिर............................?
दो शातिर चोर टॉम और गोगा एक बेशकीमती मूर्ति चुराकर समुद्री रास्ते से लौटते है पर उनका ज़हाज़ तूफान में फंस कर डूब जाता है। और वे दोनों किसी तरह बचते हुए पहुँच जाते है इच्छाधारी सांपो के अन्जान द्वीप 'नागमणि द्वीप' पर जहाँ वे बचा लेते हैं इच्छाधारी सांपो की राजकुमारी विसर्पी और राजकुमार विषप्रिय की जान, जिसके कारण वे बन जाते हैं नागमणि द्वीप के मेहमान। पर द्वीप की देवी की मूर्ति में लगी मणि देख उन दोनों चोरों के मन में आ जाता है लालच और वे बनाने लगते हैं उस मणि को चुराने की तरकीब। और फिर...........................?
राजा विक्रमराज जिसको एक अपराधी को अपने ही भाई की हत्या के जुर्म में फांसी की सज़ा देनी पड़ी। उस फांसी के बाद राजा विक्रमराज पर फितूर सवार हो गया और हर अपराधी को चाहे उसका जुर्म मामूली सा ही क्यों न हो राजा के आदेश पर फांसी की सज़ा दे दी जाती। इस तरह नगर के चौराहे पर बने एक वृक्ष पर फांसी की सज़ा दिए गए मुजरिमों की लाशे लटकने लगी। और फिर एक दिन एक रहस्यमय साया उन लटकती लाशों का खून अपनी गुलाम आत्माओं को पिलाने लगा। और फिर..........?
विशालगढ में मौज से रहते हुए बांकेलाल को सूझ गई एक नई शैतानी और उसके मन में ख्याल आया विशालगढ का राजा बनने का इसके लिए उसने चल दी अपनी चल। विक्रमसिंह द्वारा चन्दनगढ़ के राजा चन्दनसिंह की पुत्री राजकुमारी कुरुपलता के साथ विवाह का प्रस्ताव ठुकराने के बावजूद बांकेलाल ने उन्हें शादी के लिए हाँ कह दी और इधर राजा विक्रमसिंह को मना लिया कौशल नरेश की पुत्री राजकुमारी पुष्पलता से विवाह के लिए। अब दो-दो जगह शादी के इस षड़यंत्र में बांकेलाल ने फंसा दिया विक्रम सिंह को। और फिर..................................?
कच्छ के रेगिस्तान से सटा शहर सलमेर, जहाँ पर तस्करों का मचा हुआ था आतंक जिसे रोकने के लिए भेजा गया सुपर कमांडो ध्रुव और श्वेता के पिता आई.जी राजन को। इधर ध्रुव जब मापाल से आत्माओं का रहस्य सुलझा कर वापिस राजनगर पहुंचा तो उसे पता चला कि उसके पिता आई.जी राजन सलमेर से लापता हो गए हैं। ध्रुव जा पहुंचा सलमेर अपने पिता को ढूंढने और ध्रुव के पीछे-पीछे सलमेर पहुँच गई ध्रुव की बहन श्वेता उर्फ़ चंडिका। और फिर..............................?
मापाल के राष्ट्रपति मानवेन्द्र भारत आये सुपर कमांडो ध्रुव से मदद मांगने के लिए क्योंकि उनको अचानक परेशान कर रहीं थीं उनके मरे हुए परिजनों की आत्माएं। ध्रुव पहुँच गया मापाल की राष्ट्रपति के निवास पर उन आत्माओं का रहस्य जानने। पर इससे पहले की वो राष्ट्रपति के परिजनों की आत्माओं का रहस्य सुलझा पता उसको ही दिखाई देने लगे उसके मरे हुए माता-पिता की आत्माएं। और फिर.................................?
भारत और चीन में छिड़ा हुआ था युद्ध। भारत की सेना चौकी न. इलेवन टू जेड के कई जवान चौकी की सुरक्षा करते हुए हो चुके थे शहीद बाकि बचे रह गए थे केवल चार सैनिक। ऐसे में चौकी के लीडर मेजर संजय चौकी की रक्षा के लिए जा घुसे दुश्मनों के खेमे में परन्तु दुश्मन देश के जवानों द्वारा पकड़ लिए गए। तब मेजर संजय को दुश्मनों की कैद से छुड़ाने का ज़िम्मा उठाया कैप्टन मनोज ने और वह अपने जान की बाज़ी लगाता हुआ जा पहुंचा दुश्मन देश की सीमा में। और फिर............?
बांकेलाल, अपने फायदे के लिए बार-बार नई-नई योजनाये बनाता, पर हर बार उसकी योजना उलटी पड़ जाती। इस बार विशालगढ में मुसीबत आई चम्पत और संपत नाम के दो चोरों से। जिसने कर दिया विशालगढ की नाक में दम। इनसे छुटकारा मिला तो शीतलगढ़ की राजकुमारी सपनलता को उठा कर ले गए दस सींगो वाले राक्षस से उसे वापिस लेन का काम मिला बांकेलाल को। और बांकेलाल चल दिया दस सींगो वाले राक्षस का सामना करने। और फिर......................................?
अँधेरी रात में एक आदमी कुछ गुंडों से अपनी जान बचाता हुआ जा घुसा सुपर मानव गगन के घर में जहाँ उसका सामना हुआ गगन के साथी वनमानुष मोंटी के साथ तब उसने गगन को बताया की जो गुंडे उसकी जान के पीछे पड़े थे वो एक शिकारी गिरोह के आदमी थे जो जंगली जानवरों का शिकार कर उनकी खालों और सींगों का व्यापार करते थे। यह सुन गगन ने ठान लिया कि वो इन जानवरों के हत्यारों को सबक सिखाएगा। और फिर..........?
बांकेलाल, जिसने विशालगढ को तो डाकू सुल्तान सिंह से बचा लिया। पर उन डाकुओं द्वारा लुटे गए दुसरे राज्यों के राजकोषों के खजाने का कुछ पता नहीं चला। क्योंकि बांकेलाल पहले भी एक बार डाकुओं के ठिकाने पर जा चुका था इसलिए उसने किया फैसला उस खजाने को ढूंढकर उस पर हाथ साफ़ करने का। और चल पड़ा बांकेलाल खज़ाना ढूंढने। और फिर...............................?
गाँव में रहने वाली दो सौतेली बहने बाला और रूपा जिनके माता-पिता नहीं थे। बड़ी बहन बाला करती थी रूपा पर बहुत अत्याचार जिससे तंग आकर रूपा घर से भाग निकली और जा पहुंची घने जंगल में वहां उसे मिला एक अद्भुत जादुई महल। उस महल में कोई नहीं था वह उस महल की रौनक और शानोशौकत देख मुग्ध हो गयी। महल का रहस्यमय मालिक भी रूपा की खूबसूरती और भोलापन देख उससे करने लगा प्रेम परन्तु वह नहीं आता रूपा के सामने। परन्तु जब रूपा ने जिद की तो उस जादुई महल के मालिक को आना पड़ा सामने जो था एक भयंकर राक्षस। और फिर.........?
हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों पर अचानक बर्फ पिघलने लगी। इस घटना की छानबीन करने के लिए भेजा गया सुपर कमांडो ध्रुव को। वहां पर ध्रुव का सामना हुआ यतिओं के साथ। और मिले कुछ आश्चर्यजनक जीव। अब ध्रुव को बचाना था अपने देश को इन लोगों से। और फिर.............................?
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप जार्वा में एक सीक्रेट मिशन पर गए हुए थे ब्रिटेन के चार जासूस जिसमे से एक था भारत का सीक्रेट जासूस। मिशन की कामयाबी के बाद इससे पहले ब्रिटेन के जासूस अपने देश वापिस लौट पाते की भारतीय जासूस ने उनको ख़त्म कर दिया और खुद भी द्वीप के खतरनाक जीवों द्वारा मारा गया। पर मरने से पहले उसने एक पक्षी के पैर में बांधकर एक सन्देश लिख भेजा जो मिल गया अंडमान-निकोबार द्वीप से कलकत्ता जा रहे एक यात्री के हाथ। और फिर उस गुप्त सन्देश के कारण लोग करने लगे एक दुसरे की हत्या। और फिर.........?
राजनगर के समुद्र किनारे मिली दो लोगों की लाशें जिसका पता लगाते हुए सुपर कमांडो ध्रुव का सामना हुआ एक अजीबोगरीब समुद्र के शैतान से और ध्रुव उस शैतान का राज़ पता लगाते-लगाते पहुँच गया नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह तक। और फिर.........................?
जासूस टोपीचंद अपने साथियों काबुलीवाला और रोबोडॉग पिंटू के साथ जा पहुंचा कश्मीर छुट्टी मनाने वहां पर उनसे मदद मांगने आ पहुंचे लद्दाख सीमा पर तैनात मिलिट्री सेना। जिनको चाहिए थी मदद लद्दाख में घूम रहे अज्ञात अन्तरिक्ष विमानों और सरोवर में आतंक फैला रहे जलदैत्य को रोकने के लिए। उस जलदैत्य के सामने जो भी आता वह हिल-डुल भी नहीं पाता और बन जाता पत्थर की मूर्ती। इस मुसीबत से निपटने का बीड़ा उठाया जासूस टोपीचंद ने। और फिर..........?
बी.एस.सी. जूलोजी ग्रुप के दस विद्यार्थी प्रोफ़ेसर श्रीकांत के साथ जंगली जानवरों पर रिसर्च के लिए जूलोजी स्पॉट नामक जंगल में आये जहाँ सभी विद्यार्थी जंगल में अलग-अलग जानवरों को पकड़ने चल दिए पर उनमे से एक छात्र हो गया गायब। पुलिस को मिली उसकी लाश उसके तुरंत बाद मिले एक और छात्र की लाश। शक की सुई जा टिकी नरभक्षी जानवरों पर और तब बंद कर दिया गया जूलोजी स्पॉट। तब अपने साथियों की मौत का बदला लेने बाकि छात्र फिर जा पहुंचे उस खतरनाक जंगल में। और फिर..........?
काशीपुर राज्य जहाँ रहते थे एक भोजनालय में काम करने वाले तीन अनाथ भाई रघुवीर, सतवीर और कर्मवीर। तीनो का मालिक उनको हमेशा डांटता रहता इस वजह से वह हमेशा दुखी रहते। उस राज्य का राजा नीलकांत था बहुत अत्याचारी उसको था डर अपनी मौत का उस रानी प्रभावती के पुत्रों से जिसके राज्य पर बरसों पहले नीलकांत ने कर लिया कब्ज़ा। अपनी मौत से बचने के लिए नीलकांत जा पहुंचा अपने मित्र जादूगर पातालमेघ के पास जिसने उसे बताया कि त्रिमुख पर्वत में रखे एक शीशे के अण्डे में रखे विचित्र पाषाण को प्राप्त करने से कोई भी उसको मार नहीं पायेगा। नीलकांत ने पाषाण पाने के लिए राज्य में पिटवाया ढिंढोरा और तीनो भाई चल पड़े विचित्र पाषाण को प्राप्त करने। और फिर..........?
जासूस विजय जिसने अपनी बहादुरी से पकड़ लिया बैंक लूट कर भाग रहे कुछ लूटेरों को। वहीँ इन दिनों शहर में इकट्ठे हो रहे थे दुनिया भर के अपराधी। उनको जब जासूस विजय के इस कारनामे की खबर लगी तो उनके सरगना ने जारी कर दिया विजय की मौत का फरमान और सरे अपराधी लग गए विजय की जान के पीछे। और फिर..........?
ख्यालीराम अपनी पत्नी चमेली की खीर खाने की इच्छा पूर्ति करने निकल पड़ा दूध लाने, रास्ते में मिल गए उसके एक साधू जिन्होंने दी उसको एक जादू की बांसुरी जिससे बह निकलनी थी दूध की नदियाँ घर आकर जब दूध नहीं निकला तो चमेली से हो गयी उसकी लड़ाई। गुस्से में वो चल दिया किसी परी से शादी करने रास्ते में मिली उसे एक बुढ़िया जिसने दी उसको एक चमत्कारी बांसुरी जिसकी मदद से पकड़ ली उसने एक परी। और फिर..........?
शहर के बीचों बीच एक सुबह मिली एक लाश, लाश के साथ था एक कागज़ का टुकड़ा जिसमे लिखा था कि 'मुझे पांच क़त्ल करने है' उस लाश के मिलने के बाद पुलिस प्रशासन की नींद हो गयी हराम क्योंकि उसके बाद रहस्यमय तरीके से होने लगी हत्याएं और फिर इंस्पेक्टर कोठारी लग गया इन हत्याओं के रहस्य को सुलझाने। और फिर..........?
कौशम्बी राज्य का राजा रिपुदमन जिसको एक शाप के कारण पुत्र रत्न की प्राप्ति नहीं होनी थी एक महर्षि ने दिया उसको विचित्र वरदान कि नागराज वासुकी का पुत्र तक्षक उसके यहाँ जन्म लेगा परन्तु 20 वर्ष पश्चात् वह वापिस नागलोक लौट जायेगा। इस तरह तक्षक को नागलोक छोड़ जन्म लेना पड़ा रिपुदमन के यहाँ रंजीत सिंह नाम से परन्तु रंजीत सिंह के 20 वर्ष पूरे होने के कुछ दिन पूर्व उसका विवाह हो गया बसंतपुर की राजकुमारी चित्रलेखा के साथ और 20 वर्ष पूरे होने पर तक्षक की पत्नी नागवल्ली के आह्वाहन पर नागलोक वापस जाना पड़ा रंजीत सिंह को। और फिर............?
विजय नगर का सेनापति शमशेर सिंह जिसने अपने राजा विजयवर्मन का क़त्ल कर, कर लिया राज्य पर कब्ज़ा तब गर्भवती रानी विजयलक्ष्मी को अपने पुत्र अजय के साथ उससे बचकर भागना पड़ा। बड़े होकर राजकुमार अजय और राजकुमारी पद्मा चल पड़े अपने पर हुए अत्याचार का बदला लेने। विजय नगर पहुँचने पर उन्होंने देखा की नगर में फैला हुआ था उन दिनों अँधेरे के भूतों का आतंक जो दिन दहाड़े आते और किसी न किसी का सिर काटकर ले जाते। और फिर...........?
ईरान का बादशाह आलमशाह जिसको एक दिन मिली एक जादूगरनी बुढ़िया जिसके पास था एक अद्भुत आबेहायत जिसको पीने के बाद कोई भी पशु-पक्षी बना जा सकता था। आलमशाह ने उससे वह आबेहायत ले लिया और रोज़ नए-नए पक्षी बनकर देखता परन्तु एक बार वह बगुला बना और वापिस ठीक होने का तरीका भूल बैठा। वापिस ठीक होने का रास्ता ढूंढ़ते-ढूंढ़ते उसको मिल गयी बगुली बनी हिंदुस्तान की शहज़ादी। और फिर.............?
डाकू सुल्तान सिंह, जिसने मचाया विशालगढ और आस-पास के कई राज्यों में हंगामा और लूट लिए उनके राजकोष। डाकू सुल्तान सिंह से बचने के लिए विक्रमसिंह ने की अपने राजकोष की सुरक्षा की व्यवस्था और उसका ज़िम्मा दिया बांकेलाल को। डाकू सुल्तान सिंह को इसका पता चला तो उन्होंने पकड़ लिया बांकेलाल को और बांकेलाल ने डाकुओं को बता दिया राजकोष तक पहुँचने का राज़। और फिर..........................?
राजनगर शहर में इन दिनों चला हुआ था छुरा भौंककर की गयी हत्याओं का दौर, कातिलों का नहीं मिल पा रहा था कोई भी सुराग। ऐसे में शहर में कदम रखा प्राइवेट जासूस रंजन ने जो वहां आया था राकेश नाम के व्यक्ति की तलाश में और पड़ गया हत्या करके अमीर लड़कों को ब्लैकमेलिंग के जाल में फांसने वाले गिरोह के पीछे। और फिर.........?
रायबहादुर बलदेव राय जिसके बेटे राज के साथ होने वाली थी बैरिस्टर विश्वनाथ की बहन की शादी परन्तु राज था अव्वल दर्जे का बिगडैल लड़का उसको सबक सिखाने के लिए उसके पिता बलदेव राय ने रचा एक नाटक एक नकली हत्या का परन्तु उस नाटक की नकली लाश की जगह अचानक आ गयी असली लाश जिसके खून का इलज़ाम लगा राज पर। अब उसको बेगुनाह साबित करने का ज़िम्मा उठाया बैरिस्टर विश्वनाथ ने। और फिर...........?
पंचालिका के घने जंगलो में बसी राक्षसों की बस्ती जहाँ रहते थे एक से बढ़कर एक खूंखार राक्षस। उन राक्षसों में था वत्सनाभ नाम का एक दयालु और परोपकारी राक्षस। उसकी दयालुता की वजह से राक्षसों ने उसको निकाल दिया बस्ती से और वह जा पहुंचा शाकुल राज्य के एक गाँव में जहाँ रहती थी राधा नाम की एक लड़की जिस पर उसकी सौतेली मां करती थी बहुत अत्याचार। राधा और वत्सनाभ में हो गयी दोस्ती और वह करने लगा राधा के काम में मदद। राधा से एक राक्षस की दोस्ती देख राधा की सौतेली माँ ने सोची राक्षस के द्वारा अमीर बनने की। और फिर.........?
वैज्ञानिक बलराम ने किया एक अविष्कार लोहे से एटम बम बनाने का परन्तु उस अविष्कार के फॉर्मूले को चुरा ले गया एक अपराधी। जासूस विजय उस अपराधी से फॉर्मूले को वापिस लाया तो वह फॉर्मूला फिर पड़ गया गलत हाथों में एक और अपराधी शम्भुनाथ उस वैज्ञानिक बलराम का रूप धरकर हथिया लिया वह फॉर्मूला और जा पहुंचा अपने बॉस काउंट के अड्डे पर। जासूस विजय वहां भी जा पहुंचा फॉर्मूले को हासिल करने पर काउंट उस फॉर्मूले को लेकर भागने में हो गया सफल। और जासूस विजय फिर निकल पड़ा उसके पीछे। और फिर...........?
मासूम सा लड़का मुन्ना जो अपनी माँ नीलम, पिता अशोक और अपने दादाजी के साथ रहता था। एक दिन उसे अपने घर में एक रहस्यमय कमरा मिला जिसमे से आवाज़े आ रही थी। उत्सुकतावश उसने खोल दिया उस कमरे का दरवाज़ा और मुन्ना के शरीर पर कब्ज़ा कर लिया एक आत्मा ने। अब एक एक कर वो आत्मा मुन्ना के ज़रिये करने लगा हत्याएं। और फिर...........................?
शिवानी, विज्ञान की एक छात्र जो जंगल में भटक कर जा पहुंची जंगल में बने एक खंडहर में जहाँ एक सन्यासी कर रहा था तपस्या और एक अद्भुत विमान से उसके पास उतरी एक दिव्य सुंदरी परन्तु इससे पहले वह सुंदरी उस सन्यासी से मिल पाती शिवानी की वजह से उसे जाना पड़ा वापिस तब क्रोधित हुए सन्यासी ने उसे सुनाई वह कहानी उस दिव्य सुंदरी की कि कैसे उसके लिए उस सन्यासी ने हजारों साल तक तपस्या की है। और फिर..........?
महाबलीपुरम का ज्वालासिंह जो बेहद दुष्ट और चालाक चोर था उसको पता चला घने जंगल में बने एक मंदिर का जिसके प्रांगण में बनी हुयी थी एक सफ़ेद हाथी की मूर्ति जिसके सूंड में थी एक अनमोल रुद्राक्ष की माला। वह हाथी की मूर्ति हर पूर्णिमा की रात को जीवित हो उठती और जिस किसी के भी पास वह माला होती उसको मार देती। इस राज का पता चलते ही ज्वालासिंह ने वह रुद्राक्ष की माला चुराकर महाबलीपुरम के राजा को दे दी और जब राजा को हाथी ने मार दिया तो उसने महाबलीपुरम राज्य पर कर लिया कब्ज़ा। और फिर..........?