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Monday, June 20, 2011

बांकेलाल और सुनहरी मृग

भविष्य से आया एक डाकू भयंकर सिंह और कर लिया डाकू डरपोक सिंह के दल पर कब्ज़ा और अपने भविष्य के अस्त्रों से उसने कई नगरों में मचा दिया आतंक। इधर बांकेलाल और विक्रमसिंह भटक रहे थे विशालगढ़ की तलाश में और भटकते-भटकते जा पहुंचे शक्तिनगर जहाँ के राजा को लगा हुआ था बंदर काट रोग जिसका इलाज था सुनहरी मृग की कस्तूरी। सुनहरी मृग मिलते थे पंगा घाटी पर जहाँ से सुनहरी मृग को लाने वाले को मिलना था दो हज़ार स्वर्ण मुद्राओं का इनाम। इनाम पाने के लिए बांकेलाल चल पड़ा सुनहरी मृग लाने पंगा घाटी।

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