विजयगढ़ रियासत के भूतपूर्व राजा छत्रपालसिंह ने अपनी हवली कर दी नीलाम जिसे ख़रीदा सेठ बकरावाला ने और हवेली की कीमत सोने के रूप में भिजवा दी राजा छत्रपालसिंह के पास। उस सोने को हथियाने का प्लान बनाया 5 लुटेरों ने और जा पहुंचे उस हवेली पर जहाँ उन्होंने कर दिया छत्रपालसिंह का क़त्ल परन्तु सोना हासिल करने से पहले ही पुलिस ने हवेली पर मार दी रेड और मार गिराया एक लुटेरे गिरहकट को जो जनता था सोने तक पहुँचने का रास्ता। बाकि के लुटेरे भाग निकले परन्तु जब पुलिस इंस्पेक्टर राठौर वापस पहुंचा गिरहकट की लाश तक तो लाश हो चुकी थी गायब जिसका कोई नहीं लगा पाया सुराग। हवेली सेठ बकरावाला को कर दी गयी सुपुर्द। और हवेली से सोना ढूंढने करने के लिए सेठ बकरावाला और बाकी लुटेरे बनाने लगे अपनी योजनायें परन्तु एक नकाबपोश एक-एक कर करने लगा उनकी हत्याएं। और फिर..........?
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