डिब्रूगढ़ का राजा राजकुमार दिग्विजय सिंह जिसको सपने में दिखाई देता था एक किला। उस किले को पाने के लिए उसने उस किले की खोज में कर दिया ज़मीन आसमान एक और वो किला था मकरध्वज के राजा अश्वप्रताप सिंह का। राजकुमार दिग्विजय ने दी अश्वप्रताप को धमकी वो किला उसके हवाले करने के लिए और अश्वप्रताप के मना करने के बाद राजकुमार दिग्विजय ने मकरध्वज में मचा दी तबाही। अश्वप्रताप ने की उसको रोकने की भरकस कोशिश परन्तु रहे नाकाम. और उस जल्लाद राजकुमार ने अपहरण कर लिया अश्वप्रताप की बेटी राजकुमारी दिव्यप्रभा को। अब मकरध्वज को इस जल्लाद राजकुमार से बचने का था एक ही आसरा, तिलिस्मदेव। और फिर................?
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