कंजूस शक्की बूढ़ा धनीराम जा पहुंचा एक दिन पुलिस स्टेशन यह कम्पलेंट लिखवाने कि कोई उसकी हत्या करना चाहता है। उसको शक था अपनी भतीजे रामगोपाल, अपनी नातिन नीता और नीता का प्रेमी चंदू पर। उसको था शक कि इनमें से कोई करना चाहता है उसकी हत्या। पुलिस इंस्पेक्टर वामन ने निकाली हत्यारे को पकड़े की तरकीब परंतु अगली ही रात हो गई धनीराम की हत्या और उसकी तिजोरी से सारा रूपया हो गया चोरी। और फिर........?
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