अर्जुननगर के राजा अर्जुनसिंह की एकलौती पुत्री राजकुमारी नीलम के साथ जब कुछ राक्षसों ने दुर्व्यवहार किया तो राजा अर्जुनसिंह ने दंडस्वरूप उन राक्षसों का सर काटकर नगर के बाहर लटका दिया। जब उन राक्षसों के पिता राक्षसराज विचित्रदंड को इसका पाता चला तो वो क्रोध के मारे अर्जुन नगर से बदला लेने चल पड़ा और उसने अर्जुन नगर के नागरिकों के सिरों से नरमुंडो की घाटी बनाने का निर्णय कर लिया। उसके आतंक से अर्जुन नगर में मच गयी त्राहि-त्राहि। और अपनी प्रजा की रक्षा के लिए अर्जुनसिंह की जुबान पर आया एक ही नाम, तिलिस्मदेव। और फिर....................?
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