Pages

Wednesday, September 1, 2010

विनाशकारी कुल्हाड़ी

वैभवगढ़ की राजकुमारी चन्द्रप्रभा जो जंगल में शिकार के दौरान एक राक्षस के चंगुल में फंस गई। उसको बचाने की कोशिश की जंगल में लकड़ी काट रहे एक लक्कड़हारे अजय ने परन्तु राक्षस ने उसको ऐसा फेंका कि वह जा गिरा बहुत दूर और उसके हाथ में थमी कुल्हाड़ी से मारा गया एक सन्यासी। सन्यासी ने अजय को बताया कि वह सन्यासी सावन्तनगर का युवराज है जिसने सत्ता के लालच में आकर अपने छोटे भाई को मार डाला परन्तु सावन्तनगर के महामंत्री ने उसके साथ विश्वासघात किया परन्तु वह किसी तरह जान बचाकर भाग निकला और वह और कोई नहीं अजय का पिता है। यह सुन अजय निकल पड़ा अपने साथ हुए विश्वासघात का बदला लेने। और फिर.............?

No comments:

Post a Comment