कंचनपुरम का राजा कर्णप्रिय अपनी रानी चन्द्रिका और पांच पुत्रों चंद्रप्रिय, शंखप्रिय, रक्तप्रिय, पुष्पप्रिय और वीरप्रिय के साथ रहते थे। राजा कर्णप्रिय ने अपने पुत्रों को महर्षि योगाचार्य के पास शिक्षा प्राप्त करने भेजा जहाँ शिक्षा प्राप्त करने के बाद योगाचार्य ने उनसे गुरु दक्षिणा के रूप में मांगी पिशाचनाथ कंटदत्त की मृत्यु जो लोगों का खून पीता था। पांचो राजकुमारों ने कंटदत्त को ख़त्म करने का वचन दिया। जब कंटदत्त को इसका पाता चला तो वो पड़ गया राजकुमारों की जान के पीछे। और फिर होने लगी राजमहल में एक एक करके सभी राजकुमारों की हत्या। और फिर............................?
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