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Sunday, January 24, 2010

गुरुघंटाल गंगाराम

पंडित मंगाराम के दो बेटे सीधा-सदा और मेहनती चंगाराम तथा होशियार और सुस्त गंगाराम एक दिन अपने नाना-नानी, मामा-मामी का हालचाल जानने अपने ननिहाल श्यामपुर चल पड़े। रास्ते में रात बिताने के लिए पंडित मुर्खानंद के घर रुक गए। पंडित मुर्खानंद ने उनको मुर्ख बनाकर धन ऐंठने की सोची और चंगाराम को फांस लिया अपने जाल में तब उसकी मदद को गंगाराम आ गया मैंदान में। और फिर..................?

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