चन्द्रपुरी का राजकुमार अभयसिंह जिसने अपने चालाक और मक्कार मंत्रियों के बहकावे में आकर अपने पिता राजा चंद्रदेव को मार डाला। परन्तु खुद उन मक्कार मंत्रियों के धोखे का शिकार होकर अपनी जान बचा कर भाग निकला और जा पहुंचा राक्षसी बनी राजकुमारी स्नेहलता की पास। राक्षसी स्नेहलता को ठीक करने के लिए ज़रूरत थी लाल वृक्ष की जड़ की। और राजकुमार अभयसिंह निकल पड़ा लाल वृक्ष की जड़ की तलाश में। और फिर................?
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