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Thursday, April 8, 2010

आंसू बन गए मोती

जादूगरनी कुरुपनी जिसने कर लिया सोलह गुण संपन्न रानी रूपतारा का अपहरण क्योंकि उसकी बलि देकर जादूगरनी कुरुपनी पाना चाहती थी अमरता का वरदान। उसको रोकने के लिए निकल पड़े महर्षि राजश्री के दो बहादुर शिष्य उमेश और इंद्रेश खतरों से भरे सफ़र में। इन खतरों से भरे सफ़र में इंद्रेश डूब गया समुन्द्र में और उमेश रह गया अकेला। और फिर............?

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