अवंतिकापुर का राजा दुर्जन सिंह जो अपने नाम के अनुरूप ही क्रूर और अत्याचारी था अपने घमंड में आकर एक सन्यासी की तपस्या भंग करने के लिए एक नाग और उसके बच्चों को मारकर सन्यासी के ऊपर डाल दिया जिससे क्रोधित होकर सन्यासी ने दिया उसे शाप की एक नागिन के द्वारा ही होगी उसकी मृत्यु। और फिर उस नाग की नागिन राजा दुर्जन सिंह से बदला लेने निकल पड़ी और राजा भी नागिन से बचने के लिए करने लगा प्रयास। और फिर...........?
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