फलानाराम और ढींगडाराम दो बेचारे बेरोजगार मित्र, उनको पाता चलता है उसके पडौसी फटीचर सिंह फटेहाल के बारे में जिसको उसके किसी दूर के ताऊ की वसीयत के अनुसार उनकी लाखों की जायदाद उसके नाम कर दी थी। यह जान दोनों लकीर के फ़कीर फलानाराम-ढींगडाराम उसकी जायदाद पर ऐश करने उसके साथ हो लिए। और फिर..................?
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