भारत और बर्मा के निकट दिव्यगढ़ के पहाड़ की चोटी पर बना अग्निदेव का मंदिर जिसमे अग्निदेव की मूर्ति में लगा हुआ था एक अनमोल हीरा। उस हीरे को चुराने के लिए कई विदेशी अपराधी लगे हुए थे परन्तु कोई भी उस हीरे को चुरा नहीं पाया। उस हीरे को चुराने का काम सेठ धरमदास ने न्युयोर्क के शातिर चोर पीटरसन को दे दिया। उधर इस हीरे की सुरक्षा के लिए दिव्यगढ़ के महाराज ने बुलाया जासूस टोपीचंद को। और फिर.............?
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