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Sunday, February 7, 2010

ठग उस्ताद ठेंगा प्रसाद

ठगनगरी, जहाँ का राजा ठगराज बहुत ही बड़ा ठग था परन्तु उसका बेटा ठेंगा प्रसाद बुद्धिमान तो था परन्तु ठगी के नाम से दूर ही रहता इसलिए राजा को एक आँख न सुहाता। अपने बेटे से परेशान राजा ठगराज ने कर दिया ऐलान की जो कोई भी उसको ठग कर दिखायेगा राजा उसको अपना सारा राजपाट सौंप देगा। ये ऐलान सुनकर ठेंगा प्रसाद ने ठान ली राजा ठगराज को ठगने की। और फिर.............?

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