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Thursday, February 4, 2010

खून की दस बूंदे

दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह को उसके जासूस गुलहसन ने दी फारस के खूंखार लुटेरे नादिरशाह के लाहौर तक पहुँच जाने और एक हफ्ते में दिल्ली में हमला किये जाने की खबर जिसको सुनकर मुहम्मद शाह ने लगायी अपने कामचोर और अय्याश वज़ीरों को फटकार। वज़ीरों ने मांगी दस और दिन की मोहलत जिसके लिए नादिरशाह को दस दिन लाहौर में ही रोके रखना था । इस काम को अंजाम देने के लिए बादशाह ने चुना गुलहसन को और गुलहसन और उसके साथी चल दिए नादिरशाह को रोकने के लिए। और फिर................?

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