राजा धर्मप्रिय जो बहुत ही न्यायप्रिय था कुछ साहूकारों की झूठ की वजह से एक निर्दोष किसान को दंड दे बैठा। जब सच्चाई का पता चला तो दुखी होकर उसने झूठ बोलने वाले को मृत्युदंड देने की घोषणा कर दी। इस वजह से जिन व्यापारियों का सामान सच बोलने से नहीं बिकता था धर्मप्रिय उसे खरीद लेता ऐसे में उसके पास आया एक व्यक्ति बेचने के लिए एक अभिशप्त मूर्ति जो जिसके भी पास रहती थी उसको दुख देती थी, मजबूरन राजा धर्मप्रिय को खरीदनी ही पड़ी वो मूर्ति। और फिर.............?
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